रेगिस्तान में मरीचिका पूर्ण आंतरिक परावर्तन के कारण होती है। यह एक प्रकाशिक भ्रम है जो गर्मी के मौसम में तेज धूप होने के समय मरुस्थलों तथा कोलतार की सड़कों पर दिखाई देता है। इसके कारण हमें दूर स्थित किसी ऊंची वस्तु या पेड़ के साथ उसका उल्टा प्रतिबिंब भी दिखाई देता है। और हमें लगता है कि वह वस्तु किसी जलाशय के तट पर स्थित है। लेकिन ऐसा नहीं होता है ये हमे पूर्ण आंतरिक परावर्तन के कारण दिखाई देता है। इसे रेगिस्तान में मरीचिका (मृगतृष्णा) कहते हैं।
रेगिस्तान में मरीचिका क्यों दिखाई देती हैं?

गर्म हो जाती है। इस गर्मी से रेत के पास की वायु भी गर्म हो जाती है और इसका घनत्व बहुत ही कम हो जाता है। वायु की यह परत अधिक ताप के कारण प्रकाशित रूप से विरल तथा ऊपर का तल अपेक्षाकृत कम ताप के कारण सघन माध्यम के रूप में व्यवहार करते हैं। तब इस प्रकार किसी ऊंची वस्तु जैसे पेड़ का ऊपरी भाग सघन तथा निचला भाग विरल हो जाता है, तथा आपतन कोण का मान क्रांतिक कोण के मान से अधिक हो जाता है इसे प्रकाश का पूर्ण आंतरिक परावर्तन कहते है जिससे रेगिस्तान में मरीचिका बन जाती हैं। जिसके कारण वस्तु या पेड़ वास्तविक प्रतिबिंब के साथ-साथ उसका उल्टा प्रतिबिंब भी दिखाई देता है।
रेगिस्तान में मरीचिका (मृगतृष्णा) बनने का कारण
रेगिस्तान में मरीचिका या मृगतृष्णा पूर्ण आंतरिक परावर्तन के कारण बनती है।
पूर्ण आंतरिक परावर्तन (Total internal reflection) की परिभाषा: सघन माध्यम से विरल माध्यम में जाती हुई प्रकाश की किरण के आपतन कोण का मान क्रांतिक कोण के मान से अधिक हो जाता है तब वह किरणे वापस उसी माध्यम में लौट जाती है तो इसी प्रक्रिया को प्रकाश का पूर्ण आंतरिक परावर्तन (Total internal reflection) कहते हैं।
रेगिस्तान में मरीचिका (मृगतृष्णा) बनने के कुछ उदाहरण
- गर्मी के मौसम में तेज धूप के समय दूर स्थित किसी ऊंची वस्तु या पेड़ के साथ उसका उल्टा प्रतिबिंब दिखाई देना।
- तारकोल की सड़को पर जलाशय का दिखाई देना।
ठंडे प्रदेशों में मरीचिका क्यों दिखाई देती हैं?
- अत्यधिक ठंडे प्रदेशों में समुद्र पर अथवा बर्फ के क्षेत्रों में दूर की वस्तु के प्रतिबिंब वायु में उल्टे लटके प्रतीत होते हैं यह पूर्ण आंतरिक परावर्तन के कारण होता है। जब जल तथा बर्फ के समीप वायु की परतें ठंडी होने के कारण सघन हो जाती हैं तथा ऊपर की परतें विरल हो जाती हैं। अतः समुद्र में चलते जहाज से चलती किरणें ऊपर की ओर जाते हुए वायु की परतों पर अपवर्तित होने के पश्चात अभिलंब से दूर हटती जाती हैं। तथा किसी विशेष परत पर पूर्ण परावर्तन के बाद नीचे आने लगते हैं। जब यह नीचे आने वाले किरणें व्यक्ति की आंख पर पड़ती है तो उसे जहाज का प्रतिबिंब उल्टा वायु में दिखाई देता है।
ठंडे प्रदेशों में मरीचिका बनने का उदाहरण
समुद्र में चलते जहाज का प्रतिबिंब उल्टा दिखाई देना।
FAQ
मरीचिका के पर्यायवाची शब्द क्या है ?
प्रकाशभ्रम , मृगतिष्णा , कांति
मरीचिका meaning in English ?
मरीचिका को अंग्रेजी में Mirages कहते हैं।
रेगिस्तान में मरीचिका का बनना किसका उदाहरण हैं?
रेगिस्तान में मरीचिका का बनना प्रकाश प्रकाश के अपवर्तन और पूर्ण आंतरिक परावर्तन का उदाहरण हैं